प्रदेश की सुक्खू सरकार की पहल हालांकि काबिलेतारीफ है कि सरकार गांव की ओर। इस प्रयोग में सरकार के नेता, मंत्री आदि आदि सीधा जनता से सम्पर्क कर सीधा संवाद करते है ओर परेशानियां सुनते है। खैर…… ढाई साल बाद जनता की याद तो आई। और याद भी आ गयी यह भी क्या कम है। अव्वल तो रेट बढाने, टैक्स लगाने, फोकट की बिजली ना देने आदि आदि के बीच सरकार बुरी तरह से घिर चुकी है। और अभी हाल ही में किसानो पर बिजली की मार से सरकार का ग्राफ भी गिरा है। हालांकि निकाय चुनावो की आहट मात्र से सरकार गांव की ओर चल पडी। किन्तु मजेदार बात है कि ठीक इसी तर्ज पर भाजपा शासन काल में भी जनमंच आयोजित हुए थे। जो कि परिणाम स्वरूप झंण्ड मंच बनकर रह गये थे।
राजपुरा में आयोजित सरकार गांव की ओर आयोजन में समूचा प्रशासनिक अमला मौजूद था। किन्तु इससे पहले ही आक्रोशित ग्रामीणो ने मंत्री का रास्ता रोक अपनी व्यथा सुनाई यह भी कहा कि लोनिवि का अधिकारी एक नही सुनता और ना ही प्रशासनिक अधिकारी सुनते है उनकी समस्याऐ जस की तस है। अब जाए तो जाए किसके पास और गुस्साए ग्रामीणो को मजबूरन मंत्री का रास्ता रोकना पडा।
इधर यह भी काबिलेजिक्र है कि कुछ समय पूर्व ही एडीसी का भी रास्ता रोक लिया गया था। और डम्परो के आतंक से वे भी निजात दिलाने में नाकामयाब साबित हुए इधर स्थानीय प्रशासन तो चुप्पी साधे बैठा है।
हालांकि आज मंत्री ने आयोजन में थोडी सी सख्ती दिखाते हुए जल विभाग को आडे हाथो लिया और सख्त आदेश भी प्रदान किए। इधर रास्ता रोके जाने पर भी मंत्री गुस्साई भीड को आश्वासन देकर निकल लिए।
देखना तो यह होगा कि आम नागरिक को जो चालानो की मार पड रही है क्या डम्पर चालको पर वह कानून लागू नही होता। यह एक बडा सवाल खडा हो गया है। जो भी चौ0 सुखराम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। वह ज्यो की त्यो प्रकाशित की जा रही है।
भाजपा विधायक चौधरी सुखराम ने भी सरकार को आडे हाथो लेना शुरू कर दिया है। बिजली के मूल्य बढोत्तरी को लेकर उन्होने कहा है किवर्तमान प्रदेश सरकार एक किसान विरोधी सरकार है।प्रदेश सरकार जनता को अपनी 10 झूठी गारंटिया देकर बनी है।इस सरकार में किसान ख़ुद को काफ़ी ठगा-२ महसूस कर रहा है।
ख़रीफ़ की फसल का सीजन आते ही प्रदेश सरकार ने किसानों की कमर तोड़ने का काम किया है। प्रदेश सरकार ने सिंचाई ट्यूबवेलो के लिए बिजली की दरों में कई गुना बढ़ोतरी की है,प्रदेश सरकार ने 30 पैसे की Per यूनिट वाली बिजली को अब 4.05 Per यूनिट कर दिया है।
सुखराम चौधरी ने कहा कि पूर्व की जयराम सरकार ने किसानो को राहत देने के लिए 1₹ Per यूनिट बिजली से 30 पैसे Per यूनिट किया था।उन्होंने कहा की वर्तमान की सुखविंदर सिंह सरकार ने इसमें कई गुना की वृद्धि कर किसानो की कमर तोड़ने का काम किया है।
उन्होंने कहा की प्रदेश में सिंचाई नहरों की हालत सही नहीं है,इन पर अत्यधिक निर्भर नहीं रहा जा सकता,जिससे किसान भाई ट्यूबवेल लगा कर अच्छी-खासी फसल उगा रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के किसान प्रेम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में पाँवटा साहिब तहसील में कई स्थानों पर किसानों की गेहूं की फसल आग की भेंट चढ़ गई।कई किसानों ने तो इस दौरान अपनी सारी फसल गवां दी।लेकिन उनको मुआवजा देना तो दूर प्रदेश सरकार का कोई नुमाइंदा ना तो उनकी खबर लेने आया ना ही प्रशासन ने कोई सुध ली।।
किसान अभी भी प्रदेश सरकार से मुआवजे की गुहार लगा रहे है।
उन्होंने कहा कि इनके अलावा अन्य भी मुद्दे है जिससे जगजाहिर होता है कि वर्तमान प्रदेश सरकार किसान विरोधी सरकार है।इन्हें किसानों के हित से कोई मतलब नहीं हैं।