पीएनएन फालोअप :— ड्रग्स अधिकारियो की चुप्पी पर सवालिया निशान।

पांवटा साहिब — समीप के सूरजपुर इलाके में हुई जोरदार छापेमारी केे बाद शहरभर में सनसनी फैल गयी है। इलाके हर कोई इस छापेमारी की चर्चाए कर रहा है। इससे भी ज्यादा खासबात तो यह है कि छापेमारी के अलावा स्थानीय प्रशासन, दवा नियंत्रक, खुफिया तंत्र आदि आदि पर भी सवालिया निशान खडे हो रहे है।

हैरानी की बात है कि गुजरात में बनी नशीली दवाओ का भण्डारण पांवटा के सूरजपुर मे कैसे हो गया। जो कि उच्च स्तरीय जांच का विषय बन गया है। एक ओर तो प्रदेश सरकार नशा को जड से समाप्त करना चाह रही है। दूसरी ओर पुलिस महकमा अपनी कार्य क्षमता में रोजाना कही ना कही कमरतोड छापेमारी कर सलाखो के पीछे पहूंचा रहा है जिसमें सिरमौर पुलिस ने अब तक बेहतरीन काम किया है साथ ही शिमला पुलिस ने भी नशा बेचने वालो की कमर तोडकर रख दी है।

अब हैरानी की बात हेै कि आस्तीन का सांप बने अधिकारी जब खुद ही आधिकारिक लाइसेन्स मोटी रकम लेकर देने लग जाए तो सरकार को चाहिए कि ऐसे अधिकारियो की सम्पत्ति की भी जांच करवाना लाजमी सा हो गया है।

दूसरी ओर शहर में पनप रहे कैमीकल माफियाओ के तार भी इन्ही नशा बेचने वालो से जुडे होने के संकेत मिल रहे है अन्यथा अल्पावधि में ही चार से पांच कोठियां खरीदना आम आदमी के बस की बात नही है सारा का सारा पैसा प्रतिबन्धित कैमीकल बेच कर ही कमाया गया और पांवटा साहिब में तकरीबन पांच केाठियां खरीद डाली गयी। हैरत तो इस बात की भी है कि राजस्व विभाग भी बीते लम्बे समय से लापरवाह रहा । राजस्व विभाग के अधिकारियो को इस बात की भी भनक तक नही लग सकी कि बार बार एक ही आदमी अलग अलग नामो से कैसे कोठियां खरीद कर रहा है।

इस पूरे मामले को लेकर ड्रग्स अधिकारियो ने चुप्पी साध रखी है और सरकार को तथा आला अफसरो को कौन सा पेच बताकर मामले पर लीपापोती की जाए इस जुगाड में जुट गए है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *