पांवटा साहिब — सीमावर्ती इलाका होने के कारण पांवटा साहिब एक संवेदनशील स्टेशन माना जाता रहा है। यहां पडोसी राज्यो से बगैर वैरीफिकेशन वाले रेहडी फडी वालो पर तो प्रशासनिक चाबुक चलना शुरू हो गया है। अभी कुछ समय पहले ही प्रशासन द्वारा लगाम लगाने का प्रयास किया गया किन्तु एक दिन की सफलता के बाद प्रशासनिक कार्यवाही ठण्डे बस्ते चली गयी। स्थिति जस की तस हो गयी।
इधर देखने में आ रहा है कि दोपहिया वाहनो पर फेरी वालो की आमद बढ गयी है जिनकी ना तो कोई वैरीफिकेशन है और ना ही किसी अनुमति के मोटर साइकिलो पर भौपू बजाकर सामान बेचते नजर आ रहे है। जिनकी कनफौडू आवाजो से कालोनियो के लोग परेशान है।
हिमाचल में किसी भी प्रकार की अनाउन्समेन्ट उप मण्डलीय दण्डाधिकारी की अनुमति के बगैर नही होती किन्तु बाहरी राज्यो से मोटर साइकिलो पर सव्जी की फेरी वाले, कपडै वाले वर्तनवालो केसाथ साथ अन्य कई सामान बेचने वालो की संख्या बहुतायत देखी जा रही है।
सवाल तो बडा यह भी खडा होता है कि जब दोनो राज्यो के बैरियरो पर गहन पहरा है तो किस प्रकार हिमाचल में प्रवेश कर रहे है। जिसको आम जन मानस की भाषा में नाकामी, नाकारापन, और गैर जिम्मेदाराना माना जा रहा है।
यह भी सनद रहे कि अभी हाल ही में उप मण्डल पांवटा में कई चोरियो की वारदातो को अंजाम दिया गया जिसमें पांवटा पुलिस के जवानो ने मात्र चौबीस घन्टे के अन्दर आरोपी को दबोचने में सफलता भी हासिल की जो कि जवानो की नेक नीयती, कर्मठता, कर्तव्यनिष्ठा का जीता जागता उदाहरण माना जा रहा हैं आरोपी भी पडोसी राज्य से ही ताल्लुख रखता था। देखने में यह भी आया है कि अधिकांशतया दोपहिया वाहनो पर फेरी करने वालेा के वाहनो पर पंजीयनसंख्या उत्तर प्रदेश की है जो कि संशय पैदा कर रही है।