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पांवटा साहिब :— सिरमौर ट्रक आपरेटर्स में होने वाले चुनावो की सरगर्मियां जोरो पर है। आज पूर्व दोपहर दोनो गुटो के महारथियो ने अपने अपने नामांकन निर्वाचन अधिकारी तहसीलदार पांवटा के सन्मुख भरे।
एक ओर भाजपा के दिग्गज कहे जाने वाले बलजीत सिंह नागरा ने अपना पूरा का पूरा पैनल उतार दिया वही दूसरी ओर किसी जमाने में नागरा के दाऐ हाथ कहे जाने वाले जसमेर सिंह भूरा ने भी अपना पैनल उतार दिया है।
यदि बात की जाए जसमेर सिंह भूरा की तो उनकी टीम में उत्साह है उल्लास है उमंग है और चेहरे भी जीत की विश्वास से परिपूर्ण दिखाई दे रहे है। जिसके एक दो नही कई कारण माने जा रहे है। सर्व प्रथम तो जसमेर सिंह भूरा की टीम में राकेश चौधरी नामक युवा उम्मीदवार कैशियर के पद हेतु दावेदार है। वे एक शिक्षित युवा है जिनमें जोश और उल्लास से परिपूर्ण होने के साथ साथ आपरटर्स के हितैषी और एक शिक्षित किसान होने के साथसाथ ट्रको के मालिक भी है। जिनकी सोच बताती है कि यदि आपरेटर्स चाहे तो यूनियन की तस्वीर और तकदीर बदलने में वे कोई कोर कसर नही छोडेगे।
जिसका अभी हाल में हुई आम सभा यानि कि जनरल हाउस में राकेश चौधरी ने छै सवाल पूछकर अनुत्तरित कर दिया था और वे बगले झांकने लगे थे।
पहना प्रश्न :— टीडीएस का पैसा जिस आपरेटर्स की गाडी का कटेगा वह उसी आपरेटर को वापस किया जाऐगा। क्या ऐसा हुआ।
दूसरा प्रश्न :— गाडी लोकल करने के लिये कमेटी गठित की जाएगी अकेले किसी भी ओहदेदार को कमेटी अलग से निर्णय लेने का अधिकार नही होगा। क्या ऐसा हुआ।
तीसरा प्रश्न :— लम्बे रूट पर चलने वाली गाडियो को 60 प्रतिशत 70 प्रतिशत अग्रिम भुगतान की व्यवस्था की जाऐगी और रूटिन की पेमेन्ट में तेजी लाई जाएगी । क्या ऐसा हुआ।
चौथा प्रश्न :— लम्बे रूट का माल बोर्ड पर और ज्यादा मंगवाया जाऐगा। क्या ऐसा हुआ।
पांचवा प्रश्न :— यूनियन की पुकार और बिल्टी को कम्प्यूटराइज्ड किया जाएगा। क्या ऐसा हुआ।
छटवा प्रश्न :— पहुच जमा करने पर सारे किराए की डिटेल सहित उसी समय रसीद दी जाएगी। क्या ऐसा हुआ।
इसी प्रकार के सवाल उठाकर राकेश चौधरी ने जसमेर सिंह भूरा के समूचे पैनल सहित खुद को भी एक भारी भरकम शिक्षित और युवा साथी घोषित करते हुए सभी आपरेटर्स से करबद्ध निवेदन किय है कि वे यदि यूनियन की तस्वीर और तकदीर बदलने के मूड में है तो अपने मत का प्रयोग उनके पक्ष में करे।
इसी आम सभा के बाद से नागरा के लिये एन्टी इन्कमबैन्सी शुरू हो चुकी थी। आपरेटर्स परेशान थे जिसका परिणाम हालांकि भविष्य के गर्भ में छिपा है किन्तु तख्ता पलट और परिवर्तन की लहर की सम्भावनाओ से भी इंकार नही किया जा सकता।