पीएनएन फालोअप :— डाक्टर की सुट्टेबाजी पर जिलाधीश ने दिए जांच के आदेश।

पांवटा साहिब :— जिला प्रशासन की कर्मठता, सतर्कता, और सम्पूर्ण जिले पर पैनी नजर का उदाहरण प्रत्यक्ष रूप से सामने आ गया है। मात्र 24 घन्टे के अन्दर अन्दर जिला प्रशासन ने मामला प्रकाश मेे आते ही जांच के आदेश पारित कर दिए है।

बताते चले कि पीएनएन द्वारा बीते रोज सिविल हस्पताल के कमरा नम्बर 307 में डाक्टरो के ड्यूटी टाइम में सुट्टेबाजी कर रहे थे। जब मीडिया ने फोटो खीचने का प्रयास किया तो डाक्टर ने अन्दर से चिटकनी चढा ली और कमरा बन्द कर लिया। कमरे मे से दुर्गन्ध आ रही थी। दूसरी ओर कई घन्टो से मरीज डाक्टर का बेसब्री से इन्तजार कर रहे थे और डाक्टर दवा तक लिखने के बजाए कमरा नम्बर 307 में सुट्टा मार रहे थे।

सूचना जिलाधीश सिरमौर तक पहूंची और जिलाधीश सिरमौर ने एसडीएम पांवटा को इस मामले में जांच कर कार्यवाही करने के आदेश दे डाले। इधर एसडीएम पांवटा गुन्जीत सिंह चीमा ने जिलाधीश के आदेशो का पालन करते हुए एसएमओ सिंविल हस्पताल पांवटा को मामले में जांच के लिये लिख दिया है।

दूसरी ओर शहर के कई बुद्धिजीवियो का व्यान भी आया है। कहा है कि अधिकांशतया सिविल हस्पताल में तैनात डाक्टर की शिकायते मिलती रहती है पहले भी इसी डाक्टर ने एक महिला मरीज के लिये तडके सुबह 6 बजे दरवाजा नही खोला था और वह वीडियो भी खूब वायरल हुआ था। हालांकि मामले पर लीपापोती कर डाली गयी।

लोगो का कहना है कि हस्पताल प्रशासन व स्थानीय प्रशासनको चाहिए कि कमरा नम्बर 307 सिर्फ और सिर्फ भोजनावकाश के समय ही खोला जाना चाहिए और पूरी तरह से बन्द रहना चाहिऐ ताकि डाक्टर समय पर मरीजो का इलाज कर सके। और कमरे मे से टीवी तुरन्त हटा देना चाहिये। ड्यूटी टाइम में टीवी देखने का कोई आचित्य नही होता। यहां सरकारी ड्यूटी करे आराम नही होना चाहिए जिसकी चाबी एसएमओ इंचार्ज के कार्यालय में जमा रहनी चाहिऐ इस प्रकार की सलाह स्थानीय प्रशासन व हस्पताल प्रशासन को दी है।

पता तो यह भी चला है कि डाक्टरो के व्यवहार के कारण कई स्थानीय संस्थाए शिकायती पत्र देने को आतुर बैठी है।

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