पांवटा साहिब — बीती देरबातापुल पर किसी दूसरे की अचल सम्पत्ति में जबरिया कव्जा किए बैठे बाग्लादेश के लोगो को प्रशासन ने वहां से हटाने का मन बना लिया है। हालांकि मीडिया हाउस बीते लम्बे समय से प्रशासन की आखे खोलने का भरसक प्रयास कर रहे थे। किन्तु प्रशासन के लोग नही चेते और आज उसी विकट परिस्थिति का सामना करना पड रहा है। जिसमें बाग्लादेश से यहां शरणार्थी बने लोगो ने जमीने खाली करवाने गयी जेसीबी आदि पर पथराव कर दिया।
समाचार लिखे जाने तक निशान देही जारी थी। पुलिस बल भी मौका पर उपस्थित था। सनद रहे कि ठीक इसी तर्ज पर रामपुर घाट से तकरीबन एक सौ परिवारो को यहां भागना पडा जो कि शहरभर में दहशतगर्दी फैलाए हुए थे और क्राइम रेट भी बढ रहा था।
और यदि प्रशासन के लोग इन बाहरी राज्यो के लोगो को देवभूमि से निकालने में कामयाब हो जाते है जो देश मेे आक्रमण के हालात चले हुए उनमें स्थानीय लोगो को भारी शान्ति मिलेगी और शहर से चोरी चकारी की वारदाते, बिना नम्बर की गाडियां, और क्राइम रेट में गिरावट आने की प्रबल सम्भावनाए बनी हुई है।
इधर यह भी बताते चले कि पांवटा के हिन्दूवादी संगठन भी इस मामले में कई मर्तबा प्रशासन को आगाह कर चुके हेै किन्तु प्रशासन मौनव्रत धारे हुए रहा। अब जब देश की विकट परिस्थिति होने लगी है तो प्रशासन जाग चुका है।
यह भी पता चला है कि भूमालिक जमीन खाली करवाने के लिये ऐडी से चोटी तक का जोर लगा रहे है। किन्तु किसी भी प्रकार की करोडो की जमीन को खाली करवाने की रणनीति बनाने में नाकाम साबित हो रहे है।
बीते देर सांय तक पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा दिन ढलते ढलते राजस्व विभाग के पटवारी कानूनगो कव्जे वाली भूमि की जिस पर रेाहिग्याओ ने जबरन कव्जा किया हुआ है की निशानदेही कर आला अफसरो को सौप दी थीं
महिलाओ ने किया पथराव :— रोहिग्याओ ने अपने छोटे छौटे बच्चो और महिलाओ को आगे खडा कर जेसीबी का शीशा तोड दिया और पथराव भी किया सारे के सारे पुरूष चम्पत हो गये। इस घटना से यह तो स्पष्ट हो गया कि पूरी तरह से प्रशासन के साथ भी टकराने के मूड मे है।