पांवटा साहिब :— देश की आन बान और शान कही जाने वाली सिक्ख बिरादरी के एक सख्श ने उस समय मानवता दिखाई जब एक नन्हा सा बालक अपने घर से निकल कर ई रिक्शा में बैठ कर पुरूवाला तक पहूंच गया। इतने में उसी साइड से आ रहे सरदार सुखदेव सिंह दो पहिया वाहन में पांवटा साहिब किसी काम से आ रहे थे कि उनको एक नन्हा सा बालक सडक किनारे पैदल बदहवास की हालत में जाता हुआ दिखा हालांकि बालक मुस्लिम बिरादरी से ताल्लुख रखता था। किन्तु सरदारजी ने बच्चे को अपने वाहन पर बिठा लिया और पूछते पूछते ट्रक युनियन तक पहूंच ये किन्तु बालक बार बार पूछने पर ही अपने माता पिता का नाम नही बता सका और अपने नाना का नाम सही बता रहा था। देर सायं तक बच्चे के घर में रूदन का माहौल हो चुका था। किन्तु पंकज धीमान और उनकी टीम के कुछेक अन्य सदस्यो ने बच्चे के बारे में खोजबीन करते हुए अमरकोट तक पहूंच गये बच्चा बार बार अमरकोट तक पहूंच गये जहां उसके नाना का घर था बच्चा अपने नाना को पहचान गया। इतने में वहां पहूंच कर नाना ने बताया कि उसके घर में चीख पुकार हो रही है आपका धन्यवाद जो आपने बच्चे को घर तक पहूंचा दिया। इतने में फोन पर बच्चे के नाना ने बच्चे के माता पिता से बातचीत करवाई और बच्चे की माता के नेत्रो से अश्रुधारा बहने लगी और रूदन कण्ठ हो गया। किन्तु वह खुशी के आंसू थे। पिता का नाम जहांगीर है वह भी बहुत खुश हुए।
पीएनएन ब्रेकिंग :— राह चलते दिखाई मानवता।
