पीएनएन ब्रेकिंग — सुलभ शौचालय में बडे स्तर पर फर्जीवाडे की आशंका। काफी समय से पडे है ताले।

पांवटा साहिब — शहर के प्रवेश द्वार पर स्थित सुलभ शौचालय यूं तो हमेशा से ही शहर की सुन्दरता में मखमल में टाट के पैबन्द की भांति अपनी भूमिका निभाता रहा है किन्तु अब तो हद ही होगयी कि काफी समय से बन्द पडे इस शोैचालय में सफाई कर्मियो का वेतन इंचार्ज डकार रहा है जब कि वहां कोई कर्मचारी तैनात ही नही है जमीनी स्तर पर किन्तु दस्तावेजो में कर्मचारी दर्शाए गये है इस प्रकार के आरोप लगे है।

इसके अलावा सफाई के नाम पर आने वाले सामान जैसे झाडू, फिनाइल, वाइपर पौछा आदि आदि के बिल भी पास करवा लिये जाते है और शौचालय में कार्यरत सफाई कर्मियो को उपलव्ध तक नही करवाए जाते ऐसे भी आरोप है।

ऐसा नही है कि यह सिर्फ पांवटा साहिब में है जांच का विषय तो यह है कि हिमाचल में कितने ऐसे और भी सुलभ शौचालय है जहां इस प्रकार का गोरखधन्धा पनप रहा है। जिसकी पडताल करने में पीएनएन की टीम लगी हुई है।

इस बाबत एसडीएम पांवटा गुन्जीत सिंह चीमा से बातचीत की गयी तो उन्होने बताया कि इस का निर्माण ट्यूरिज्म विभाग ने करवाया था और जब से ये बन्द पडा है उन्होने जैसे ही शहर का भ्रमण किया तो इस पर नजर पडी और सम्बन्धित विभाग से पत्राचार किया इसको हैण्डओवर करने की बात कही गयी तो स्पष्ट जवाब आया कि आप इसे हैण्ड ओवर कर सकते है।

इसके बाद इंचार्ज मनोज तिवारी से बातचीत की गयी और उनका पक्ष जानने का प्रयास किया तो उन्होने परेशानी बताते हुए कहा कि इसका बिजली का बिल एक लाख रूपये आया था जो कि जमा नही हो सका जिस कारण पानी मोटर से उपर नही पहूंचाया जा सकता और इसे बन्द कर दिया गया है वे इस विषय में बीते कल ही बिजली विभाग के कर्मचारियो से मिले किन्तु कोई हल नही निकल सका है। सफाई के सामान के बारे में उन्होने स्पष्ट कहा कि सब झूठ है। किन्तु यह भी कहा कि हम लगभग 8 से 10 दिन बाद ही सफाई करवाते है बाहर से पानी लेकर और बाकी की सभी आरोपो से उन्होने स्पष्ट तौर पर इंकार किया और मुकर गये।

अब यह उच्च स्तरीय जांच का विषय बन गया है कि कितने कर्मचारी दस्तावेजो में दर्शाए गये है और मौका पर कितने लोग काम कर रहे है। सफाई के सामान के कितने के बिल पास हुए है और वास्तव में मौका पर कहां कहां सामान समयानुसार पहूंचा भी है या नही। इस समूचे मामले में बडे घोटाले की आशंकाओ की सम्भावनाओ से मुकरा नही जा सकता ।

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