पीएनएन अपडेट :— प्रशासन की ताबडतोड कार्यवाही। एक्सईएन से साबित किया वह ईमानदार है। पैसे कोई और ही ले रहा था।

पांवटा साहिब — बाल्मीकी चोैक से लेकर वाई प्वाइंट तक बाहरी राज्य के लोगो ने जिस प्रकार अतिक्रमण किया था और इस समूचे काण्ड में एक पार्षद की भूमिका पाई जा रही है। कार्यवाही के दौरान पार्षद के पेट में ही सर्वाधिक दर्द था।

बताते चले कि बाल्मीकी चौक से लेकर वाई प्वांइंट तक अवैध कव्जो की अतिक्रमण की प्रशासन के पास लगातार शिकायते पहुच रही थी। इस बारे में स्थानीय प्रशासन ने दिनांक 13 दिसम्बर को आपातकालीन बैठक भी आहूत की थी जिसमे पहले से ही निर्णय लिया जा चुका था कि समस्त अतिक्रमण कारियो को हटाया दिया जाए। पहली ही मुहिम में एसडीएम पांवटा के हनुमान बने तहसीलदार पांवटा रिषभ शर्मा ने आला अफसरो के आदेश मिलते ही सुबह ही ठान लिया था कि वे आज ही निशानदेही कर अतिक्रमण हटा देगे। और शाम होते होते तहसीलदार पांवटा ने पहले तो निशान देही की और एक्सईएन लोनिवि ने जेसीबी बुलाकर अपने समूचा स्टाफ ले अतिक्रमण कारियो पर चाबुक चला दिया। जिससे आम जन को यातायात में राहत भी मिली है ओर बाहरी राज्य के लोगो की गुण्डई पर भी लगाम लगी है।

यहां यह भी बताते चले कि इस अतिक्रमण में एक ओर तो बाहरी राज्य के लोगो ने रेहडी फडी लगा रखी थी वही दूसरी ओर शहर के धन्नासेठ भी अतिक्रमण से पीछे नही है अपनी दुकान के बाहर तकरीबन 10 से 12 फूट तक सरकारी जमीन पर कव्जा किया हुआ है। इससे भी ज्यादा. हैरत की बात है कि लोहा सरिया बेचने वाले तो तकरीबन 15 से 20 फूट सरकारी जमीन पर कव्जा​ किया हुआ है और तीस या पचास रूपये की पर्ची कटवाकर लाखो करोडो का व्यवसाय किया जा रहा है। वहां भी पार्षद के पेट में भारी दर्द हुआ जब तहसीलदार पांवटा ने निशानदेही की। और लोगो को एमसी एक्ट का पाठ पढाने लग गया।

बातचीत किए जाने पर तहसीलदार पांवटा रिषभ शर्मा ने बताया कि 13 दिसम्बर को बैठक मे सुनिश्चित किया जा चुका था। आला अफसरो के आदेश भी थे लोगो की शिकायते भी बहुत थी उन्होने यह भी बताया कि सडक के मध्य से 15 मीटर दाए और 15 मीटर बाए तक निशानदेही करदी गयी है और अस्थाई रेहडी वालो को हटा दिया गया है और​ जिन्होने स्थाई कव्जा किया हुआ था उनको दो दिन का समय दिया गया है उसके बाद प्रशासन फिर से मुहिम को अमलीजामा पहनाऐगा। और ना हटाने की स्थिति में प्रशासन अतिक्रमण हटायेगा और समूचे स्टाफ का मशीनरी का हर्जा खर्चा भी अतिक्रमण कारियो ने वसूल किया जाएगा।

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