पांवटा साहिब :— बीते 24 फरवरी को पांवटा में हुए अपहरण काण्ड मामले में हाईकोर्ट के आदेशो के बाद पुलिस के हाथ खुल गए है। पांवटा पुलिस ने साबित कर दिया है कि कानून से बढकर कोई नही। कानून सब के लिये एक समान है। जिसमें चाहे कोई नेता हो या अभिनेता।
बताते चले कि शहर के एक कथित पत्रकार ने अवैध खनन से जुडे मामले में खबरे प्रकाशित करना शुरू कर दिया था। कई मर्तबा हारे हुए नेताजी को यह बात हजम नही हुई और अपने गुर्गौ को भेजकर युवक को बहाने से जबरन उठा लिया गया। जिस वाहन में युवक को अगवा किया गया वह वाहन अब पुलिस ने जप्त कर लिया है।
हालांकि मामला सरकार से जुडे खनन व्यवसाई से सम्बन्धित था और दबंगई भी चरम पर थी तो पुलिस हाथ डालने में कतरा रही थी। पत्रकार भी अडियल था तो मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया। माननीय उच्च न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक सिरमौर को इस मामले में हस्तक्षेप करने के आदेश भी पारित किए और पुलिस के हाथ खुल गए।
इस मामले में कभी भी उच्च न्यायालय एसपी सिरमौर से कप्लांइस रिपोर्ट भी मांग सकता है। यह भी विदित रहे कि पांवटा पुलिस केा इस मामले में कई सुराग के साथ साथ ठोस सबूत भी हाथ लग चुके है। जिसमें सीसीटीवी कैमरो की फुटेज भी शामिल है।
यह भी ज्ञात रहे कि अपहरण कर्ताओ ने युवक को कई घन्टे तक बन्धक भी बना कर रखा और मार पिटाई भी की साथ ही एक वीडियो भी बनवाया गया यह सारा का सारा काण्ड कई बार हारे हुए नेताजी के इशारे पर हुआ और अपहरणकर्ता/ गुर्गे बीते कई वर्षो से नेताजी के इशारे पर ही काम करते चले आ रहे है।और अवैध खनन के व्यवसाय में संलिप्त है।
मामला था कि क्रशर मालिक ने नदी में पाइप डालकर अवेध खनन करने का रास्ता साफ कर लिया था और अवैध खनन जोरो पर चल रहा था। पत्रकार से अवैध खनन से जुडी खबरे प्रकाशित करना शुरू कर दिया और नेताजी के पारा सातवे आसमान पर चढ गया और गुर्गो को पत्रकार के पीछे लगा दिया। पत्रकार अपने घर के बाहर घूम रहा था कि अनायास चित्र मे प्रदर्शित वाहन में गुर्गे आए और बहाने से उठा कर ले गए। फिर सिलसिला मार पिटाई, बन्धक बनाना वीडियो बनाना औरउसको वायरल करना आदि आदि शामिल है। इस मामले में पत्रकार ने पुलिस को शिकायत देते हुए प्राथमिकी भी दर्ज करवा डाली। पुलिस का सौहार्दतापूर्ण रवैया देख मामला हाई कोर्ट तक पहूुंच गया और हाई कोर्ट के आदशो के बाद पुलिस कार्यवाही में जुट गयी।