पांवटा साहिब — प्रदेश सरकार द्धारा जन स्वासथ्य के मध्येनजर उपलव्ध कराया गया सिविल हस्पताल पांवटा में सारी की सारी व्यवस्थाए चरमरा गयी है। यहां मरीज तो दूर दराज से आते है किन्तु घन्टो इन्तजार करने के बाद डाक्टर नही मिल पाते। डाक्टर आते भी है तो फरलो में निकल लेते है। बीते दिनो से एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें डाक्टरो की कुर्सियां खाली पडी है और मरीज घन्टो इन्तजार करते है।
यहां यह भी बताते चले कि एनएचएम यानि कि नेशनल हैल्थ मिशन ने रोगी कल्याण समिति के तहत बायलाज में एक सुविधा मरीजो को यह भी दी है कि एक फार्म डाक्टर के कमरे के बाहर रखा जाऐगा जिसमें मरीज डाक्टर का व्यवहार, समय सीमा व दवाओ से सम्बन्धित अपनी परेशानियो को भर कर रख जाऐगा और बाद में डाक्टरो का आडिट भी होगा कि डाक्टर का व्यवहार कैसा था। कितना समय मरीज को देखने में लगा और कितने समय तक मरीज को इन्तजार करना पडा।
किन्तु हैरत की बात है कि पांवटा सिविल हस्पताल में प्रबन्धक के पद पर तैनात एसएमओ ने समूचे समाज को भ्रमित करते हुए इस सुविधा से वंछित रखा है। और लोगो इस बात की जानकारी तक नही दी है। इससे भी ज्यादा हैरत की बात है कि रोगी कल्याण समिति की बैठके तो होती हैकिन्तु अधिकांशतया सदस्य और पदाधिकारीगण चाय की प्याली में अपना अपना मुंह फूक कर चले आते है और फिर वही ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होती नजर आती है। यूं तो रोगी कल्याण समिति का सदस्य बनने के लोगो ने बीते समय ऐडी से चोटी तक का जोर लगाया था। और सदस्य बनने के बाद ईद का चांद हो गए।
यह भी गौरतलब है कि रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष एसडीएम पांवटा है। सम्भवतया फीड बैक फार्म की बात संज्ञान में आते ही शीघ्र ही लागू करवा सकते है। वर्तमान एसडीएम गुन्जीत सिंह चीमा जनहितार्थ बहुत ही काबिलऔर सक्रिय प्रशासनिक अधिकारी माने जाते है। देखना होगा कि कार्यवाही की शुरूआत कब और कैसे होती है।