पांवटा साहिब — बीते दिनोे हिमाचल प्रदेश यूनियन आफ जर्नलिस्ट द्वारा शहर के वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार को हिमाचल गौरव से सम्मानित किया गया। राजेश कुमार एक शिक्षित और वरिष्ठता की सूची में आते है। एक सकारात्मक सौच रखने वाले राजेश कुमार सामाजिक और पारिवारिक दायित्वो का निर्वहन करते हुए आज इस मुकाम पर पहूंचे कि यूनियन को उन्हे सम्मानित करना पडा। हालांकि अपने इस बीस वर्षीय पत्रकारिता के दौर में राजेश कुमार ने जीवन के कई बसन्त देखे साथ ही कई ज्वार भाटा भी देखे किन्तु ना तो झुके और ना ही किसी भी प्रकार का इकरारनामा किया और ठग्गी ठोरी से कोसो दूर रहते हुए अपनी एक पहचान भी बनाई।
राजेश कुमार बताते है कि शहर के कुछेक असामाजिक तत्वो द्वारा कीचढ उछालने के कई प्रयास भी किए किन्तु वे अपनी गति से चलते रहे।
उन्होने बताया कि उनके पिता – स्वर्गीय पदम् देव और माता नारदा देवी की कोख से 26 अप्रेल 1982 को जन्म हुआ उसके बाद प्रारम्भिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक पाठशाला भटेवडी से की और उच्य शिक्षा राजकीय उच्च विद्दालय नैाहराधार से 6वी से 10 तक की उसके बाद राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धर्मपुर सोलन से 10 वी और 12वी की शिक्षा प्रापत कर उसके बाद कम्पयूटर ऐजुकेशन में डिप्लोमा किया जिसमें वीडियो ऐडीटिग सीखी तत्पश्चात कला स्नातक ( BMC -जनसंचार ) MS Panwar Group of Institutions , University – Guru Jambheshwar University of Science & Technology, Hisar ,Hariyana .
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (जर्नलिस्म ) Bhavan’s Rajendra Prasad Institute of Communication and Management Mumbai.
अनुभव – वर्ष 2005 से पत्रकारिता क्षेत्र में विभिन्न संस्थानों के साथ काम करने का मौका मिला। सिटी चैनल , हिमाचल न्यूज़ (STV), Live Today, साधना न्यूज़,TV 100, हिमाचल दस्तक, ETV, News 18 , भारत 24 , वर्तमान में प्रधान संपादक – सिरमौर न्यूज़
सामाजिक कार्य – सचिव सिरमौर विचार मंच , सचिव – सोशल रिसर्जेंस ऑफ़ सिरमौर (SARS ), सदस्य – सिरमौर कंज्यूमर प्रोटेक्शन सोसाइटी, कार्यालय सचिव – जन एकता पार्टी।
मेरे पिता स्वर्गीय पदम् देव का देहांत उस समय हो गया था जब में 5वी कक्षा में पढता था , 10 वी कक्षा तक हम तीनो भाई बहन की पढाई मेरे बड़े मामा सुदर्शन सिंह ने करवाई जो हॉर्टिकल्चर विभाग में सेवारत थे। उसके बाद मेरी मौसी चन्द्रकला ने आगे की पढाई करवाई , उनके साथ दिल्ली भी रहा, कुरुक्षेत्र में भी कुछ महीने रहा।
पत्रकारिता व पत्रकारिता की पढ़ाई के लिए सिरमौर न्यूज़ के संस्थापक स्वर्गीय संतोष कुमार ने प्रेरित किया व सहायता के लिये कभी मुंह नही मोडा जिनकी बदौलत आज वे अपनी पहचान बना सके है। सारा श्रेय वे स्व0 सन्तोष कुमार को ही देते है।
बताते है कि उनकी माता ने जिन्दगी के कई बसन्त देखे किन्तु बडे ही संघर्षो से गुजरने के बाद उनका पालन पोषण किया जिनका आज भी उनके उपर आशीर्वाद बना हुआ है।
जिला सिरमौर में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का पत्रकार रहे है DVC के दौर से लेकर वर्तमान में खबरें भेजने के सरल साधनों के इस्तेमाल के दौर में मीडिया के क्षेत्र में सक्रीय है उनका पैतृक गाँव सिरमौर जिला के राजगढ़ की भुईरा पंचायत का क्यारटू गाँव है , लेकिन वे वर्ष 2004 से पांवटा साहिब में रह रहे है। पत्रकारिता के उस दौर में उन्होने शुरूआत की थी जब इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए खबरों के लिए दुर्गम इलाकों में पहुंचना होता था। पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र के दुर्गम इलाके हो या शिलाई विधान सभा क्षेत्र या फिर रेणुका जी विधान सभा क्षेत्र या पच्छाद विधानसभा इन क्षेत्रों में मीडिया कवरेज करने का अवसर भी उनको मिला। इन क्षेत्रों के दुर्गम इलाको में पहुंचकर मेने TV चैनल में माध्यम से जन समस्याएं उठाई जिसका असर भी होता रहा। वरिष्ठ मीडिया सहयोगी सचिन पंवार जी के माध्यम से दर्जनों महत्वपूर्ण स्टोरी ANI जैसे बड़े संस्थान को भी भेजी है। इसके इलावा अपने सहयोगियों के माध्यम से भी बड़े मीडिया संस्थानों को भी ख़बरें भेजता रहे है जिससे क्षेत्र के लोगो की समस्या सम्बंधित विभागों तक पहुंचे, क्षेत्र की संस्कृति को जानने का अवसर देश विदेश के लोगो को भी मिले।
वर्तमान में मैं “सिरमौर न्यूज़” के लिए बतौर चीफ एडिटर के रूप में कार्य कर रहा है जिसके माध्यम से आम लोगो को जागरूक करने व उनकी समस्याओं को सम्बंधित विभागों तक पहुँचाने का काम एक सेतु की तरह कर रहे है। क्यूंकि उन्होने मीडिया के क्षेत्र में आने से लेकर अब तक पॉजिटिव रिपोर्टिंग पर ज्यादा ध्यान दिया है क्षेत्र में विकासात्मक कार्यों पर कई वीडियो न्यूज़ बना चुके है। अपने पत्रकारिता के सफर में उन्होने कई युवाओं को इस फील्ड में काम करने को प्रेरित करने का भी कार्य किया है जो आज के समय में मीडिया के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहे है, अभी भी उनके पास पत्रकारिता की पढाई करने वाले कई इंटर्न आते है।
सामाजिक संस्थाओं में जन जागरूकता में योगदान दिया है , सिरमौर विचार मंच में बतौर सचिव वर्ष 2006 से RTI पर कार्य किया, संस्थापक प्रोफेसर संतोष कुमार जी के मार्गदर्शन में कंज्यूमर क्लब बनाने में कार्य किया , सरस संस्था में माध्यम से जान जागरूकता कार्यक्रम , सम्मान समारोह , पौधारोपण , लाइब्रेरी खोलने और वर्तमान में संस्था के लिए कम्युनिटी रेडियो स्टेशन तक के सफर में कार्य किया।
उनके जीवन का महत्वपूर्ण कार्य यह रहा कि उन्होने गुरु शिष्य के रिश्तों को इस स्तर तक निभाया है की जब लोग प्रॉपर्टी के लिएमाँ बाप को भूल जाते है घर से निकाल देते है उन्होने अपने मेंटर स्वर्गीय संतोष कुमार जी का साथ उनके अंतिम समय तक दिया , इतना ही नहीं उनकी पत्नी स्वर्गीय आशा रानी जो शिक्षिका थी जितना समय उनकी सेवा के लिए मुझे मिला उन्होने उसे भी बखूबी निभाया। वृद्ध अवस्था में दोनों बुजुर्गों की भरपूर सेवा कर क्षेत्र में मिसाल कायम करते हुए सामाजिक और पारिवारिक दायित्वो को निर्वहन करने मे काई कोर कसर नही छोडी।
हालाँकि उनके विरोधियों ने उनके खिलाफ पुलिस थाना में झूठे मुक़दमे भी दर्ज करवाए।
वे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का वरिष्ठ पत्रकार रहा है। सामाजिक कार्यो में बढ चढ कर भाग लिया , गुरु शिष्य की परंपरा को निभाते हुए आज भी अपने गुरु स्वर्गीय संतोष कुमार जी के नाम का झंडा बुलंद कर रहे है , उन्होने कई युवाओं को पत्रकारिता क्षेत्र में आगे बढ़ाने में योगदान दिया है, पत्रकारिता पेशे के साथ इसी विषय में पढ़ाई भी, कई जरूरतमद लोगो को सिरमौर न्यूज़ के खाते से या फिर नकदी के माध्यम से मदद भी करते चले आए है । इसी तरह सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में एक कन्या को हेड इंजरी थी , माँ के पास एक भी पैसा नहीं था , चिकित्सको ने तुरंत PGI जाने की सलाह दी , जब कोई मदद के लिए आगे नहीं आया उस समय राजेश ने इनकी आर्थिक मदद की और बच्ची की जान बच गयी , करीब एक वर्ष बाद उस परिवार ने पांवटा साहिब में पत्रकार वार्ता की और बताया की किसी पत्रकार ने मदद की थी किसी को भी मालूम नहीं था की वो पत्रकार राजेश कुमार ही थे भविष्य में अपने गुरु के नाम से एक ओल्डएज होम तैयार करवाने की इच्छा है जिसके रूप रेखा तैयार कर रहे है।