पांवटा साहिब — शहर के तकरीबन 15 ब्लाक्स की बेरोजगार महिलाओ का हुज्जूम अपने अपने दस्तावेज लेकर शहर के बीचोबीच बने लोनिवि के विश्रामग्रह में उमड़ा। कारण था एनटीटी के लिये आउटसोर्स भर्ती का।
कुप्रबन्धन :— साक्षात्कार लेने वाले किसी बाहरी राज्य की कम्पनी का कुप्रबन्धन इस प्रकार सामने आया कि नन्हे मुन्ने बच्चो को साथ लेकर आई महिलाओ को पेयजल की भी व्यवस्था नही थी। अव्वल तो एक साथ इतने लोगो को किन मापदण्डो के तहत आमंत्रित किया गया। बुलाया भी गया तो स्थानीय प्रशासन को सूचना तक नही दी। और जब माहौल बिगडता देखा तो पुलिस एक्शन मोड पर आई और हैरत की बात है कि पुलिस तक को किसी भी प्रकार की सूचना नही थी जैसा कि थाना प्रभारी ने मीडिया के सवालो का जवाब देते हुए बताया। इधर उप मण्डलीय दण्डाधिकारी गुन्जीत सिंह चीमा को भी हस्तक्षेप करना पडा पुलिस बुलानी पडी।
बैकडोर एन्ट्री का वीडियो सोशल मीडिया पर :— इधर एक ओर तो हजारो की तादाद में महिलाऐ अपना नम्बर आने के इन्तजाररत थी कि दूसरी ओर दलाली करने वाला एक युवक बैकडोर एन्ट्री करवाता साफ तौर पर देखा जा रहा है। इधर महिलाए अपने छौटे छौटे बच्चो को लेकर साक्षात्कार के इन्तजार में थी तो वहां लोनिवि के विश्राम ग्रह में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बैकडोर एन्ट्री करवाता साफ दिखाई दे रहा है।
विधानसभा क्षेत्र पांवटा साहिब में मंत्री की स्वच्छ छवि को धूमिल करने में मंत्री के कथित करीबी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। हालाँकि मंत्री को भी इस बात की सूचना नहीं होगी की उनसे नजदीकियों का हवाला देते हुए कुछ वो सब काम काम कर रहे है जिससे मंत्री जी की छवि को नुक्सान पहुँच रहा है। ।
रविवार 8 जून को पांवटा साहिब में NTT , ECCE के लिए हुए वॉक इन इंटरव्यू के दौरान भी मंत्री के करीबी होने का ढोंग करने वालो ने जमकर फजीहत करवा दी। सेंकडो महिलाएं चिलचिलाती धुप में पसीना बहा रही थी वहीँ दूसरी तरफ खुद को मंत्री का करीबी बताने वाले अपने चाहितों को बैकडोर एंट्री करवा रहे थे। इतना ही नहीं लोक निर्माण विभाग से लेकर राजस्व विभाग के अधिकारी भी इस प्रकरण में शामिल दिखे। ऐसे में यह मामला पूरे प्रदेश हाई लाइट हो चुका है। सोशल मीडिया पर लोग प्रदेश सरकार और मंत्री हर्षवर्धन चौहान को ट्रोल भी कर रहे है।
आलम यह था की खुद को मंत्री के कथित करीबी बताने वालो के कारनामों के सामने एसडीएम पांवटा भी चुप्पी साधे नज़र आये जबकि वे व्यवस्था का जायजा लेने उस समय मोके पर ही मौजूद थे।
इस प्रकरण के बाद क्या मंत्री जी पांवटा साहिब में उनकी छवि को धूमिल करने वालो से किनारा करते है या फिर उन्हें फिर से छवि को धूमिल करने का मौका देते रहेंगे ये आने वाला समय ही बताएगा।
आपको बता दें की पांवटा साहिब के पूर्व विधायक सहित कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी किसी तरह की दखल अंदाज़ी नहीं की ताकि चयन की यह प्रक्रिया सुचारु रूप से चले लेकिन मंत्री जी के कथित करीबियों ने मंत्री की साख पर ही बट्टा लगा दिया है जिससे जनता में रोष पैदा होने की संभावनाएं है
कुल मिलाकर कुप्रबन्धन का आलम था। पेयजल की व्यवस्था तक नही थी। खुले आसमान के नीचे तपतपाती गर्मी का प्रकोप झेलती महिलाऐ अपने उज्वलभविष्य की कामना किए शहर के कुछेक छटे हुए दलालो की चालाकी, मक्कारी, बदमाशी और दल्लागिरी का शिकार भी हुई