पांवटा साहिब — बीते दिनो पांवटासाहिब में हुए ठेकेदारो के बीच की लडाई की एक और सच्चाई सामने निकल कर आ गयी है। हकीकत यह है कि जिस दुकान पर अतुल अग्रवाल ने ताला जडा वह दुकान ही अतुल अग्रवाल पूर्व शराब ठेकेदार के नाम पर किराए पर है और उन्होने दो सालो का अग्रिम किराया भी जमा करवाया हुआ है। तो ऐसे में सवाल उठता है कि हकीकत में दुकान पर किराएदार तो कानूनी तौर पर अतुलअग्रवाल ही है और नया ठेकेदार जबरन कव्जा करके बैठा हुआ है। और रही गल्ले से पैसे निकालने वाली तो वह भी हजम नही हो पा रही है कि करोडो का व्यवसाय करने वाले ऐसी हरकत नही करेगे। और जो शख्स दो वर्षो का अग्रिम किराया दुकान मालिक को जमा करवाने की हिम्मत रखता हो वह ऐसी ओच्छी हरकत तो कर नही सकता कही ना कही इस शिकायत में झोल जरूर है जो कि जांच का विषय है।
प्रमाण के तौर पर दो वर्षो के इकरार नामे की छाया प्रति पीएनएन के हाथ लगी है जो कि प्रकाशित की जा रही है ताकि समाज में जो सन्देश गया है वह एकदम स्पष्ट हो जाए कि गलत कौन है और सही कौन है। बीते रोज पितामह ने भी समाचार प्रकाशित किया था जो कि एक पक्षीय था दूसरे पक्ष का वर्जन नही मिल पा रहा था क्यूं कि अब दूसरी पार्टी ने अपना पक्ष रख दिया तो तो पीएनएन का समाज के प्रति जिम्मेवारी और कर्तव्य भी बनता है कि दूसरा पक्ष भी आम जन मानस के सम्मुख रखा जाए।
सत्य यह भी है कि स्टाम्प ड्यूटी घोटाला हुआ था जिसमें राजस्व विभाग को पैसा जमा करवाने के आदेश जारी हो गये थे।जिसमें अधिकारियो का मन्थन जारी है चुनाव के कारण फाइल ठण्डे बस्ते में है।