पांवटा साहिब — आवकारी विभाग की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खडे होना शुरू हो गये है जिसमें आवकारी विभाग के अफसरान कटघरे मे आकर खडे हो गए है। मामला ढाई करोड रूपये की एफडीआर का है।
मामला कुछ इस प्रकार संज्ञान मे आया है कि पूर्व शराब व्यवसाई ने ढाई करोड रूपये की एफडीआर विभाग के पास जमा करवाई थी जो कि मार्च माह मे ठेकेदार बदलने के बाद वापस होनी थी जो कि अभी तक नही की गयी है। इधर इसी मसले मेंपूर्व ठेकेदार विभाग व उनके अधिकारियो के पास चक्कर काट काट कर थक चुका है। और विभाग के अफसरान किसी भी प्रकार की आईगई नही दे रहे है।
इधर आवकारी विभाग के ही मुलाजिमो ने पूर्व ठेकेदार का शराब का स्टाक नए ठेकेदार को हस्तान्तरित भी करवा दिया उसके पैसे भी नही दिलवाए और दुकान का किराया भाी अग्रिम तौर पर जमा था गोविन्द घाट वाली दुकान का वह भी नही दिलवाया गया। और जब पूर्व ठेकेदार अतुल अग्रवाल जबरन कव्जा की शिकायत लेकर गया तो किसी ने नही सुनी।
अब तो वीडियो में भी स्पष्ट दिख रहा है कि दुकान पर तैनात सेल्स मैन पूरी की पूरी रकम काले रंग के बैग में डालकर अपने कन्धे पर ले गया और झूठी शिकायत दर्ज करवाई गयी। और मामले को इस प्रकार हवा दी गयी कि पूर्व ठेकेदार ने दादागिरी के दम पर दुकान पर ताला जडा जब कि हकीकत वीडियो में कुछ और ही बयां हो रही है। पूरा का पूरा मामला झॅूठ के पुलिन्दे पर धरा हुआ था।
देखना तो यह भी होगा कि जांच में क्या होता है पूर्व ठेकेदार पूरे के पूरे ऐपीसोड का वीडियो भी है जिसमें सेल्स मैन अपने कन्धे पर पूरी रकम गिन कर अपने साथ ले गया। खेैर मामला अभी जांच का विषय है। जांच में क्या निष्कर्ष निकलता है देखना होगा। सम्भावनाऐ प्रकट की जा रही है कि मामला अदालत तक पहूंचेगा और आवकारी विभाग को भी पार्टी बनाया जाऐगा। ऐसा सूत्र बता रहे है।