सिरमौर :— मामला जिला सिरमौर पुलिस की सामाजिकता, कर्तव्यनिष्ठा, समरसता और सौहार्दता से जुडा हुआ है। जब एक बेटी को 26 वर्षो बाद उसके पिता से मिलवाया गया। बेटी की आंखो से अश्रुधारा रूकने का नाम नही ले रही थी ऐसा प्रत्यक्षदर्शी बता रहे है । किन्तु इस मामले के बाद से सिरमौर पुलिस के उन जवानो की बखूबी तारीफ हो रही है जिन्होने अच्छी और सच्ची पुलिस पोलिसिंग का उदाहरण पेश करते हुए इतिहास के पन्नो में नाम अंकित करवा दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस के तेज तर्रार,ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ कर्मी एचसी नवीन कुमार व आरक्षी विकेन्द्र राणा गश्त पर थे। वे पनोग गांव की ओर जारहे थे कि पनोग बाजार में एक व्यक्ति मैले कुचैले कपडो में घूमता हुआ दिखा। अनायास नवीन और विकेन्द्र राणा ने स्थानीय लोगो से उसके बारे में पूछताछ शुरू कर दी तो बतलाया गया कि यह व्यक्ति लगभग 4—5 वर्षो से गांव में ही रह रहा था और अपने बारे में कुछ नही बतलाता सिर्फ और सिर्फ राजस्थान का रहने वाला बतलाता है।
इतने में नवीन कुमार और विकेन्द्र राणा की कर्तव्यनिष्ठा जाग उठी तो उसे चौकी में लेकर आ गए पहले तो उसे नहलाया दाडी आदि बनवाई अच्छा खाना भी खिलाया और बार बार पूछने पर उसने अपना नाम पृथ्वी सिंह, गाँव भादवासी, राजस्थान बतलाया। ेगूगल मैप पर सर्च करने गांव भादवासी जिला सीकर राजस्थान मे होना पाया गया।
सिरमौर पुलिस के जवानो ने सूत्र भिडाते हुए अन्ततोगत्वा उसके गांव तक पहूंच ही गये और व्हाट्स अप्प के माध्यम से व्यक्ति् की फोटो भेजी गयीऔर गांव के लोगो ने बतलाया कि उक्त व्यक्ति भादवासी गाँव का पृथ्वी सिंह पुत्र नरायण सिंह है, जो कि पिछले 25/26 वर्षो से लापता है। उसके बाद पृथ्वी सिंह के परिजनो के मोबाइल नम्बर पता कर के उन्हे सूचित किया गया तथा पृथ्वी सिंह को पुलिस चौकी रोनहाट लाया गया, जहाँ उसे नहला कर नये कपडे पहनाये गये।
दिनांक 24/03/2024 को पृथ्वी सिंह की पुत्री नरेश कंवर पत्नी बलबीर सिंह, निवासी गाँव ढिगाल, डा. बेडवा, तहसील डिंडवाना, जिला नागौर, राजस्थान अपने रिश्तेदारो सहित पुलिस चौकी रोनहाट पहुंचे। पृथ्वी सिंह के साले पर्वत सिंह ने शिनाख्त किया व बतलाया कि वर्ष 1998 मे पृथ्वी सिंह की पत्नी संतोष कंवर की मृत्यु हो जाने के बाद पृथ्वी सिंह मानसिक संतुलन खो बैठा था जो कि अपनी पत्नी की मृत्यु के करीब 06 माह बाद वर्ष 1998 से कहीं लापता हो गया था।
जिसके पास एक लडका व एक लडकी थी। इसके लडके शिवराज की वर्ष 2013 मे एक सडक हादसा मे मृत्यु हो चुकी है। पृथ्वी सिंह को जमाबन्दी के माध्यम से इसकी बेटी नरेश कंवर के हवाले किया गया तथा नरेश कंवर ने करीब 26 वर्षो के बाद इसके पिता से मिलवाने के लिए हिमाचल प्रदेश की सिरमौर पुलिस का आभार व्यक्त किया। और इस पिता पुत्री के मिलन के बाद बेटी की आखो से अश्रुधारा रूकने कानाम नही ले रही थी वही दूसरी ओर हतप्रभ भी थी कि 26 वर्षो बाद उसकी उम्मीद साकार होती हुई खुद अपनी आखो से अपने पिता को देख पा रही थी।
सिरमौर पुलिस के जवानो की खासे चर्चे समूचे हिमाचल में हो रहे कि सिरमौर पुलिस के जवानो ने एक बेहतर प्रयास करते हुए इतिहास के पन्नो में अपना नाम अंकित करवा दिया। सल्यूट है पीएनएन का ऐसे पुलिस के जवानो को।