पांवटा साहिब — कुछेक दिनों पूर्व रामपुर घाट में जख्मी हुए राकेश कुमार ने आखिरकार दम तोड ही दिया। जिन्दगी से जूझता रहा और अन्ततोगत्वा मौत के कालग्रास में समा गया। राकेश की मौत एक बडा सवाल भी छोड गयी। परिवार सदमे में है। परिजन शोकाकुल है। इलाके में दहशत का माहौल तो व्याप्त है ही। और बदमाश कानून के शिकंजे से बाहर है।
दरअसल मामला कुछ इस प्रकार हुआ कि क्रशर माफियाओ के यहां दो गुट अलग अलग क्रशरो पर काम कर रहे थे जिनमें यमुना नदी से माल ढोने को लेकर दोनो गुटो में तनातनी चल रही थी। इनमें से एक गुट के सरदार पर पहले से ही दर्जनभर के करीब मामले दर्ज है और कुछेक तो न्यायालय में विचाराधीन है। और फिलवक्त तक पुलिस ने उसे दस नम्बरी घोषित नही किया है। बार बार मलाईदार स्टेशन पर राजनेैतिक जुगाड भिडाकर रह रहे पुलिस कर्मियो का भी वरदहस्त बताया जा रहा है।
गोलू सैनी नामक युवक ने बाहरी राज्यो के कुछेक भाडे के गुण्डे बुलवाकर राकेश पर उस समय हमला कर दिया जब वह काम खत्म करके घर की ओर जा रहा था कि रास्ते में एक दवा निर्माता कम्पनी के बाहर तकरीबन डेढ़ दर्जन बदमाशो ने अकेले राकेश को घेर लिया और उसकी टांग व बाजू तोड दी गयी और समूचे शरीर पर जख्मो के निशान भी सरेआम देखे गये।
इतना ही नही राकेश की किस्मत इतनी खराब निकली कि कमीशन के चक्कर में सिविल हस्पताल पांवटा के डाक्टर ने आव देखा ना ताव पलस्तर चढा डाला और वहां भी पलस्तर चढा दिया जहां गहरा जख्म था बस फिर क्या था कि जख्म पर पलस्तर के बाद आगे नसो में खून पहूचना बन्द हो गया हालत दिन प्रतिदिन बिगडती चली गयी परिजन राकेश को लेकर पीजीआई पहूंचे जहां डाक्टरो ने राकेश की टांग की हालत देखते हुए उसकी टांग काट दी।
अभी कुछ दिन पूर्व ही राकेश आपरेशन करवाकर घर ही पहूंचा था कि आज अनायास खबर मिली कि राकेश ने दम तोड दिया। इधर भृष्टाचार के लबादे में लिपटा डाक्टर दीपावली के बाद तक की छुट्टी पर खिसक लिया पुलिस बिना डाक्टर की ओपीनियन के कार्यवाही को आगे नही बढा पा रही है। और बदमाश फरार बताए जा रहे है। और कानून के शिकंजे से बाहर चल रहे है।
अब सवाल खडा होता है कि राकेश की मौत का आखिरकार जिम्मेवार कौन होगा। क्या वे बदमाश होगे जिन्होने राकेश पर हमला किया और क्या वह डाक्टर भी होगा जिसने जख्म पर भी प्लास्टर चढा दिया और मोटी कमीशन ऐड कर नौ दो ग्यारह हो लिया पुलिस कार्यवाही नही कर पा रही है। क्यू कि डाक्टर की ओपीनियन नही आई है। इधर राकेश ने प्राण त्याग दिए है। सवाल तो आखिर सवाल है ही