पांवटा साहिब — शहर के बुद्धिजीवियो के माथे पर चिंन्ता की लकीरे है। आमजन दहशत में है और राजनैतिक गुण्डे मवाली चौडी छाती कर सडको पर घूम रह है। यहां सही मायने में लोकतंत्र की हत्या हुई है। कलमकार की कलम और कलम के सिपाही का गला फिजीकली और मानसिक तौर पर दबाने का प्रयास किया गया है। जब कि पत्रकार ने निद्र्वन्दता निर्भीकता और निडरता केसाथ अवैध खनन को लेकर एक मामला उठाया जिसमें कि एक तथा कथित कांग्रसी की सलिप्तता सार्वजनिक थी। खबर से बौखलाए हारे हुए राजनैतिक व्यक्ति ने अपने गुर्गो सेएक ऐसे पत्रकार को अगवा करवा लिया जिसके दो नन्ही मासूम बच्चियां और रात भर पापा कहां है पापा कहां कह कर सो गयी।
मामला एक पत्रकार को लेकर नही है हिमाचल प्रदेश में सत्ता के आते ही तरह तरह के राजनैतिक गुण्डे कुकरमुत्ते की भांति पैदा हो जाते है। जैसा कि वर्तमान में देखने को मिल रहा है। ऐसा नही है कि यह पहली मर्तबा हुआ है भाजपा शासन काल में भी बाहरी राज्यो के पंजाब से आए भंगोडे ने भी इसी तर्ज पर काण्ड कर दिया था। और पुलिस से सैटिंग कर झूठा मुकदमा कायम करवा दिया था। इतना ही नही कभी राजनेताओ की पूछ पकडकर चलने वाले गैगस्टरो ने भी इसी प्रकार की वारदातो को अंजाम भी दिया है। जिनके मुकदमे आज तक अदालतो मेंविचाराधान है। और राजनैतिक पार्टियो के लोग अपने हितो को साधने के लिये इस प्रकार के गुण्डो को पनाह भी देते है। सवाल है कि आखिर यह चल क्या रहा है। कांग्रेस सरकार कर क्या रही है और उनके नुमाइन्दे क्या कर रहे है।। सरेआम एक पत्रकार को अगवा किया जाता है। नामजद रिपोर्ट दर्ज होती है और लोग सरेआम चौडी छाती कर सडको पर अपनी गुण्डागर्दी कर नंगा नांच करते नजर आते है।
खासबात यह भी बताते चले कि राजनीति की आड में अपने हित साधने वाले पांवटा के छुटभैये नेता अपने मतलब के अधिकारियो को कोई ना कोई बहाना प्रदेश के मुखिया के सामने बनाकर यहां मलाईदार स्टेशन पर पोस्टिग करवाते है और फिर शुरू हो जाता है गैर कानूनी धन्धा और अवैध खनन का धन्धा रेता बजरी चोरी का धन्धा पत्थर चोरी का धन्धा, अपहरण और मारपिटाई का धन्धा झूठी गवाही का धन्धा,। यह भी एक प्रकार का व्हाइट कालर गैग हर सरकार में पैदा हो जाता है। चाहे सरकार कांग्रेस की हो या भाजपा की सिर्फ लोग बदल जाते है। जेा भी हुआ है वह आम सभ्य समाज की नजरो में निन्दनीय है। और इस राजनैतिक व्यक्ति और उसके गुर्गौ की जितनी निन्दा की जाए उतनी ही कम है। होना जाना कुछ नही केस अदालत में चलता रहेगा किन्तु वर्तमान प्रदेश सरकार पर उसके ही करिन्दे ने ऐसा दाग लगा दिया जो कि ताउम्र धुलने वाला नही है।
किसी देश के बडे कवि ने कहा है । कि ” मन्दिर नया है पर पण्डे वही है।
झण्डे तो नए है पर डण्डे वही है
हाथ दूसरे है हथकण्डे वही है।”
इति श्री।