पांवटा साहिब — कहावत है कि ” दीवाल को बिगाडे आला और घर को बिगाडै साला” किन्तु जिला सिरमौर के पांवटा साहिब मे तो साले साहब ने पैसे के लालच में रातो रात करोड पति बनने की मंशा ने जीजाजी की खाकी पर ही दाग लगवा दिया। इस काण्ड के खुलासे के बाद समूची आईपीएस लाबी में जमकर किरकिरी हो रही है। कुछेक तो विभाग की आबरू का हवाला देते हुए मामला शान्त रखने की बात कर रहे है और कुछेक मामले को हवा देने की फिराक में है। कुल मिलाकर मामला संगीन हो गया है कि जीजाजी की संलिप्तता सामने और जीजाजी की एक दबी हुई हकीकत सामने आ गयी है। यहां तक कि कई मीडिया संस्थानो ने खुलकर नाम भी लिख दिया है।
घटना की शुरूआत सोमवार को होती है कि जब एक जगदीश नामक युवक विकास नगर से वापस आते समय वहां लगी पोकलन मशीनो को रात्रि के अंधकार में अवैध खनन ना करने की बात कर रहा था। जो कि साले साहब ने जीजाजी की खाकी की हनक में लगाई हुई थी और उसके साथ साथ दो बडे टिप्पर भी चल रहे थे। जगदीश के मना करने के बाद ही पिश्टल की नौक पर गाडी दाए बाए लगाकर उसे अगवा किया गया और चौकी मे रात्रि तीन बजे तक धमकाया गया और फिर उससे ही माफी नामा लिखवा कर घर भेजा गया। युवक को इतना भयभीत और डराया धमकाया गया कि बिना वजह खाकी के भय से उसे माफी मांगनी पडी।
यह भी सर्व विदित है कि जीजाजी को पूरी घटना पता चल चुकी थी और जीजाजी गुरूद्धारे में माथा टैकने के बहाने पांवटा पहूंच लिए। सम्भवतया गुरूद्धारा साहिब में गुरूमहाराज केसमक्ष मामले को शान्त रखने और गोरखधन्धा बरकरार रखने की मन्नत भी मांगी होगी। ऐसी सम्भावनाओ से इंकार नही किया जा सकता ।
मामला यह है कि राजस्थान के किसी व्यवसाई ने देवभूमि पांवटा में पांव पसारे है। अब यह जांच का विषय है कि स्टोन क्रशर लगाने की समस्त औपचारिकताए कैसे और कब पूरी हुई और इस क्रशर मे किस किस की हिस्सेदारी है और कौन कौन हिमाचल या जिले में कहां कहां किस किस पद तैनात है।
सत्य तो यह भी है कि इस स्टोन क्रशर को लेकर ग्रामीण् बीते लम्बे समय से जगह जगह शिकायते कर रहे है किन्तु साहब की गुण्डागर्दी के सामने सब बौने नजर आ रहे है। जितनी गुण्डागर्दी साहब की चल रही है उससे ज्यादा साले साहब कर रहे है। इससे भी ज्यादा हैरत की बात है कि अब कार्यवाही कौन करेगा।
याद दिलाते चले कि अभी अभी कुछ समय पूर्व ही हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को एक शिकायत पर खुड्डे लाइन लगा दिया और एक आईपीएस को सस्पेण्ड भी कर दिया। अभी वह मामला पूरी तरह से शान्त भी नही हुआ था कि पैसे के लालच ने एक और वर्दी पर दाग लगा दिया। इससे पूर्व भी गुडिया काण्ड में कई बडे खाकी वाले अफसर जेल की हवा भी खा चुके है।
अब इन जीजाजी में कौन सी हनक है यह तो हाई कोर्ट में शिकायत करने पर ही पूरे के पूरे मामले का पटाक्षेप् हो सकता है।
इस समूचे घटनाक्रम कोलेकर भगानी में ग्रामीणो की बैठक् भी हुई जिसमें प्रधान उप प्रधानसहित दर्जनो लोग उपस्थित हुए और मुख्यमंत्री को शिकायत की बात कही गयी है पता तो यहां तक चला है कि देर शाम शिकायते भेज भी दी गयी है। अब सम्भवतया हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की भी तैयारी चल रही है।
ग्रामीणो का आरोप है कि उनकी निजी भूमि वे खनन हो रहा है और शिकायत करने पर गुण्डागर्दी की जा रही है। जीजाजी इतनी बडी पोस्ट पर कुर्सी पकड हो रखे है कि उनके नाम से निचले स्तर के लोग भयभीत रहते है। पता तो यहां तक चला है कि एक निचले स्तर के अधिकारी ने साले साहब की पोकलेन मशीन का चालान कर दिया था तो उसे रातो रात स्थानान्तरित कर अपनी कलम और अपने पद का दुरूपयोग भी जीजाजी करचुके है।
आरोप यह भी है कि लीज वाली भूमि की निशानदेही नही करवाई गयी है और ग्रामीणो की निजी भूमि से अवैध तरीके से खनन हो रहा है गांव वालो को डराया धमकाया भी जा रहा है। समूचा काण्ड मीडिया की सुर्खिया बन चुका है।