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पांवटा साहिब — राजनैतिक वरदहस्त प्राप्त एक्सईएन लोनिवि ने सरकारी जमीन को भाडे पर दे डाला है ऐसी गुप्त सूचनाऐ मिली है। इस जमीन पर यूनियन बैक के सामने से लेकर वाई प्वाइंट तक एक दो नही दर्जनो की संख्या में रेहडी फडी वालो को जमीन किराए पर चढा दी गयी और किसी से दो हजार तो किसी से तीन हजार रूपये प्रति माह लिया जा रहा है। सूचना यह भी है कि एक्सईएन ने बडी ही चालाकी बरतते हुए एक कलेक्शन ऐजेन्ट की भी नियुक्ति कर दी है जो प्रति माह स्ट्रीट वेन्डरो से पैसा वसूलने जाता है और किसी गुप्त स्थान पर एक्सईएन को पैसा दिया जाता है। हालांकि पूरा का पूरा मामला इतना गुप्त है कि किसी को कानो कान इसकी भनक तक नही लगती है और एक्सईएन का गोरखधन्धा काग्रेस के शासनकाल में जोरो से पनप रहा है। ऐसा भी नही है कि इन्ही महानुभाव ने यह गोरखधन्धा शुरू किया है यह भाजपा के कार्यकाल से चला आ रहा है।
जमीन सरकारी है लोनिवि के अधीन आती है। ऐसा भी नही है कि एक्सईएन या प्रशासन को इस बात भनक नही है। किन्तु सही तो यह भी है कि प्रशासन को जैसे ही इस बात की भनक लगी प्रशासन ने एक नोटिस/पत्र लिखकर एक्सईएन को स्ट्रीट वेण्डरो को वहां से हटाने / कार्यवाही करने के आदेश भी जारी कर दिए थे किन्तु एक्सईएन ने प्रशासन को ठैगा दिखाते हुए उस पत्र को डस्ट बिन में डाल दिया और धृतराष्ट्र की मुद्रा में तमाशबीन बन गए। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार धृतराष्ट्र ने कुरूक्षेत्र का 18 दिन का महाभारत देखा और सुना।
कुल मिलाकर इस रोड पर शाम के समय वाहनो की कतारे देखी जा सकती है लोगो का निकलना दूभर हो जाता है दो पहिया और चार पहिया वाहनो का तांता देखा जा सकता है।
यह भी पता चला है कि इस जमीन से तकरीबन 60 से 70 हजार रूपये प्रतिमाह की अतिरिक्त कमाई से जेबे गरम हो रही है। और यह कमाई यदि सरकारी खजाने में जाती है तो सरकार को अच्छै राजस्व की प्राप्ति हो सकती है और गरीब रेहडी फडी वालो को सरकारी अनुमति केसाथ कम पैसेा में नियमित भी किया जा सकता है और स्वरोजगार योजना के तहत कुछेक परिवर आसानी से अपना भरण पोषण कर सकते है। किन्तु भ्रष्ठाचारी निजी जेबे गरम करने के चक्कर में कोई ना कोई रास्ता जरूर निकाल लेते है। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार जिलाधीश कार्यालय एक दवा निर्माता कम्पनी की फाइल पर कुण्डली मार कर बैठ गया और सरकार का करोडो का स्टाम्प ड्यूटी घोटाला बीते ढाई साल से अधर में लटका हुआ है।