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पांवटा साहिब — शहर व उसके आसपास के अभिभावक जो शिक्षण माफियाओ का शिकार हो रहे थे उनके लिये राहत की खबर है। देहरादून के एशियन स्कूल की एक शाखा पांवटा साहिब के किशनपुरा में खुल गयी है जिसमें तकरीबन अभी तक एक सौ बच्चो ने पंजीकरण करवा दिया है यानि कि प्रवेश ले लिया है।
यह खुलासा शहर के प्रमुख व लोगो के लाडले उद्योगपति जगदीश तौमर व देहरादून के मदन जुनेजा ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान किया।
उन्होने बताया कि शहर की मांग को देखते हुए शिक्षण संस्थान का शुभारम्भ कर दिया गया जिसमें एक सौ बच्चो ने केजी से लेकर सातवी कक्षा तक पंजीयन करवा दिया है। एक साल के बाद सीबीएसई के नियमानुसार विद्यालय सुचारू रूप मान्यता प्राप्त कर सभी नियमो व उपनियमो के तहत ही संचालित होगा। भवन तैयार हो चुका है अभी कुछ भाग निर्माणाधीन है।
विद्यालय आधुनिक सुख सुविधाओ व आधुनिक तकनीकी से सुसज्जित होगा। जिसमें क्लास रूप से लेकर बसो तक में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएगे ताकि अभिभावक बच्चो पर नजर रख सके। खास बात यह रहेगी कि जो लोग हर वर्ष एडमीशिन शुल्क के नाम पर मोटी रकम लेते है ऐसी व्यवस्था एशियन स्कूल में नही होगी। सिर्फ एक बार ही एडमीशन फीस ली जाएगी और 12वी कक्षा तक किसी भी प्रकार का अतिरिक्त भार अभिभावको की जेब पर नही डाला जाऐगा साथ ही जो भी पुस्तके व यूनिफार्म विद्यालय की गाइड लाइन के अनुसार जहां से भी बनवानी है या खरीदनी है खरीद सकते है हमारे यहां कापी पेन्सिल ड्राइग बुक आदि आदि विभिन्न वस्तुओ को बेचने पर भी पाबन्दी रहेगी। जूते जुर्राब भी अभिभावक स्कूल प्रबन्धन नही बेचेगा। जहां से खरीदनी है वहां से खरीद सकते है। रिसेप्शन पर हर कक्षा की यूनिफार्म का एक डेमो लटका हुआ होगा वही रंग देखकर फोटो खीचकर जहां से मर्जी बनवा सकते है।
सनद रहे कि पांवटा में शिक्षा के नाम पर लूट खसेाट का धन्धा चला हुआ था जिसमें कई शिक्षण संस्थान अभिभावको की जेबो पर डाका डाल रहे थे यहां कि तक किताबे कापियां पेन्सिल रबर, ज्योमेट्री बाक्स स्कूल बैग यूनिफार्म पर भी खुद ही बेच रहे थे और हर वर्ष एडमीशन के नाम पर अभिभावको से मोटी रकम बसूली जाती रही जिसमें पर अब लगभग एशियन स्कूल के प्रबन्धन ने लगाम लगाते हुए अभिभावको एक प्रकार से संजीवनी प्रदान की है साथ ही सरकार की गाइड लाइन के अनुसार पच्चीस प्रतिशत सीटे गरीब बच्चो के लिये भी आरक्षित रहेगी।
अच्छे व होनहार छात्र छात्राओ के लिये स्कारशिप की भी योजना है जो बच्चे खेलकूद में सर्व श्रेष्ठ प्रदर्शन कर चुके है या करने का जज्वा है उनका टैस्ट लेकर उनके लिये स्कारशिप की भी विद्यालय प्रबन्धन द्वारा योजना है।
खासबात यह भी है कि इस विद्यालय में बच्चो के सर्वागीण विकास की ओर भी ध्यान दिया जाता है साथ ही एक विद्यालय के प्रधानाचार्या शीघ्र ही एक विद्यालय को टाटा बाय बाय करने के लिये आतुर दिखाई दे रही है। जिसका खुलासा शीघ्र् ही हो जाऐगा।