पीएनएन फालोअप :— एनटीटी भर्ती मामला! जांच के दायरे में कई संस्थान। जांच शुरू। होगा पटाक्षेप।

पांवटा साहिब — बीते रोज लोनिवि के विश्राम ग्रह में आयोजित एनटीटी साक्षात्कार मामले की लापरवाहियो के चलते मामले पर जांच की तलवार लटक चुकी है। एक ओर तो स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन ने इस मामले में भवे तरेर ली है। दूसरी ओर प्रशासन ने सरकार को भी इस ऐजेन्सी के खिलाफ सरकार को रिपोर्टपेश करने का मन बना लिया है। जिसमें कई संस्थानो पर गाज गिरने की संम्भावनाओ से इंकार नही किया जा सकता।

ऐसा क्यो हुआ :— भर्ती मामले में जब प्रशासन को भनक लगी तो स्थानीय प्रशासन को हस्तक्षेप करना पडा और इससे पूर्व भी बार बार स्थानीय प्रशासन द्वारा समझाने पर सचिवालय में अपनी अच्छी सैटिंग के चलते भर्ती कर्ताओ ने प्रशासन की एक ना सुनी और साक्षात्कार प्रक्रिया आरम्भ कर दी।
दूसरी ओर साक्षात्कार तो चल ही रहे थे किन्तु हर फटी में टांग घुसाने वाले एक दल्ले टाइप के आदमी ने अपनी जेब गरम कर बैक डोर ऐन्ट्री करवानी शुरू कर दी थी जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और कई मीडिया हाउस सक्रिय हुए और लापरवाही बद इन्तजामी का मामला सरकार सहित स्थानीय प्रशासन के साथ साथ आम लोगो के संज्ञान में लाने में कोई कोर कसर नही छोडी।

इधर सरकार ने यह कोर्स 2014 में ही बन्द कर दिए थे तो उसके बाद कहां से इतने डिप्लोमा धारक पैदा हो गए यह एक बडा सवाल खडा हो गया है। जिसमें कि सैकडो की संख्या में एनटीटी केि फर्जी प्रमाण पत्र जाचोपरान्त पाए जाने की सम्भावनाऐ प्रबल हो गयी है।

कुछेक इस प्रकार के प्रमाण पत्र है जो निजी संस्थाओ ने जारी किए है। अब यह मामला बिजीलेन्स के पास भी जा सकता है। हालाकि प्रशासन अपने स्तर पर कडी कार्यवाही के मूड में दिख रहा है। वही दूसरी ओर पांवटा साहिब में हुई लापरवाही, धक्केशाही और दल्लागिरी के चलते स्टेट इलेक्ट्रानिक डवलपमेन्ट कारपोरेशन ने भी सख्त हिदायते जारी कर दी है।

कुल मिलाकर इस मामले में बिजीलेन्स जांच होना लाजमी हो गया है। इधर प्रशासन की सक्रियता और पांवटा के कई मीडिया संस्थानो की सक्रियता ने हजारो महिलाओ के भविष्य के साथ होने वाले खिलवाड से बचाने में सक्रिय भूमिका निभाई है। कई संस्थानो की ​लिस्ट प्रशासन के पास पहुच गयी है जिसका अभी खुलासा पीएनएन नही कर रहा है। और शीघ्र ही खुलासा करने में कोई कसर भी नही छोडी जाऐगी कुछेक मामलो में जांच चली हुई है और कुछेक की आरटीआई आना बाकी है। यह भी बताते चले कि कई संस्थानो ने फर्जी प्रमाण पत्र बेच कर मोटी रकम कमाई की है।

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